अपने जन्म दाता , अपने पिता का मोल पहचानो ।

अपनी औलाद को अमृत पान करवाकर खुद विष का घूट पीता है, वही पिता है
खुद के जीवन का अब कोई मोल नहीं रहा बस औलाद के लिए जीता है, वही पिता है
औलाद लाख जख्म दे दे फिर भी हँस कर उन्हें सिता है ,वही पिता है
ऐ एहसान फरामोश औलादो, ये मत भूलो की तुम पर वही सब बितेगा
जो तुम्हारे पिता पर बिता है, लेकिन ऐसा वो कभी नहीं चाहेगा
तुम चाहे लाख काँटों की सेज बिछा लो उसके लिए, वो अब भी तुम्हारे लिए मखमल का गलीचा सिता है,
क्योकि वो एक पिता है ।
आपको फादर्स डे की हार्दिक शुभ कामनाए , अपने जन्म दाता , अपने पिता का मोल पहचानो ।

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