दोस्तों भगवान् नहीं होते.....ये सिर्फ हमारा विश्वास है और इसी विश्वास को हमने भगवान् का नाम दे दिया ताकि कुछ गलत भी हो जाए तो इल्जाम हम पर न आये .....।ये सवाल मेरा ही नहीं सभी का है...लेकिन पूछने से डरते है...लोग नास्तिक कहेंगे या अगर भगवान् हुए तो बुरा मान जायेंगे...।
एक छोटा बच्चा पिता की अंगुली पकड़ कर बेफिक्र चलता है और रास्ते में आई किसी भी बाधा से नहीं डरता...वजह....पिता पर विश्वास.....।
एक औरत अपने पति के साथ अनजान और सुनसान जगह पर जाने में भी नहीं घबराती......वजह.....पति पर विश्वास......।
विधालय में छात्र अध्यापक द्वारा दिए गए तमाम निर्देशों का पालन करता है इस उम्मीद से कि परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगे.... वजह....अध्यापक पर विश्वास......।
दोस्तों, ये विश्वास ही भगवान् है और इसी विश्वास की ताकत से हम बड़ी से बड़ी मुसीबत से भीड़ जाते है....।
अगर आपको इन सब बातो पर विश्वास है तो.... भगवान है.....।
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