क्या आप भगवान् को प्यारा होना चाहते हो ?

अरे आप तो....नाराज़ हो गए...?
आपका गुस्सा जायज़ है....ये बात सुनकर सभी नाराज़ ही होंगे....सो आप भी हो गए...|
बचपन की एक घटना याद आ गई....मुझे सभी बहुत प्यार करते थे....मै था भी बहुत प्यारा.....एक दिन मैने अपने पिताजी से ऐसे ही सवाल कर लिया "पापा, आप मेरी हर बात मानते हो...मेरा इतना ख्याल रखते हो....क्यों ?
पिताजी ने तुरंत जवाब दिया...."तु मुझे बहुत प्यारा है, इसलिए...|
मुझे मेरा जवाब मील गया था...मै सुनकर बहुत खुश हुआ.....कोई किसी को इतना प्यारा हो...ये तो वाकई ख़ुशी की बात हुई ना ?
कुछ दिन बाद मै अपने परिवार के साथ घुमने गया....तभी अचानक तेज बारिश शुरू हो गई...हमारा सारा कार्यक्रम चोपट हो गया था....मैंने पिताजी से कहा, "पापा, ये बारिश बंद कैसे होगी ? पिताजी बोले, "बेटा, ये तो भगवान् के हाथ में है....अगर वो चाहे तो ये बारिश अभी बंद हो जायेगी.....|" मै तुरंत बोला...."पापा, काश मै भगवान् को प्यारा हो जाऊ....|"
मेरा इतना बोलना हुआ कि मेरे गाल पर एक जोर का तमाचा पड़ा....वो तमाचा मेरी माँ का था....उनकी आँखों में गुस्सा और दर्द साथ साथ नज़र आ रहे थे....मै हैरान था....मैंने ऐसा क्या कर दिया कि इतनी जोर का तमाचा मिला....|
 मैने माँ की और सवालों भारी निगाह से देखा....माँ मेरे पास आकर बैठी और मेरे सिर पर हाथ रखकर बोली...."बेटा ऐसा नहीं बोलते है....." मैंने पूछा ...."क्या नहीं बोलते है"......माँ बोली...."भगवान् को प्यारा नहीं होना तुम्हे.......तुम हमें बहुत प्यारे हो... ऐसी बात दौबारा मत बोलना....|"
आखिर मैंने ऐसा क्या कह दिया.....पिताजी को प्यारा हु....माँ को प्यारा हु.......घर में और सभी को प्यारा हु....तो फिर भगवान् को प्यारा होने में क्या परेशानी है.....ये तो अच्छी बात है ना....अगर मे भगवान् को प्यारा हो जाऊ तो भगवान् भी मेरी हर बात मानेंगे....|
उस वक्त तो मै समझ नहीं पाया लेकिन आब जब दुनियादारी को भली भांति समझने लगा हु...तो उसका अर्थ भी समझ में आ गया.....अब भी कही बार माँ - पिताजी के साथ होता हु तो उस बात को याद करके हँसी आ जाती है....|
भगवान् को प्यार सभी करते है.....लेकिन भगवान् को प्यारा कोई नहीं होना चाहता.....कितनी अजीब बात है ना.....अरे भाई, जब किसी को प्यार करोगे तो बदले मे वो भी तो आपसे प्यार करेगा....इसमें गलत क्या है.....लेकिन भगवान् का प्यार बहुत स्वार्थी है....वो जिससे प्यार करते है.....उसे अपने पास बुला लेते है.....हम भी तो यही करते है....जिससे प्यार करते है...जिसे पसंद करते है....उसे हमेशा अपने पास ही रखना चाहते है.....वो हमेशा हमारे आस पास रहे यही चाहते है....तो भगवान् भी ऐसा चाहे तो इसमें गलत क्या है ?
अब आप सोच कर बताइये कि क्या आप भगवान् को प्यारा होना चाहते हो ?

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