जीव हत्या ..... एक महा पाप है.



मै वहा से गुजर रहा था.....अपने ही ख्यालो में खोया हुआ और खुली आँखों से सोया हुआ....बेफिक्र और मदमस्त चला जा रहा था.... अचानक मेरे कदम रुक गए...... मैंने देखा कुछ छोटे छोटे प्यारे बच्चे खेल रहे थे ..... दुनिया की तमाम परेशानियो से दूर और जोश से भरपूर ..... मै वहा रूककर उन्हें निहार रहा था कि तभी अचानक एक कठोर दिल का इंसान या यु कहू एक हैवान वहा आया और मेरे देखते ही देखते उसने एक बच्चे को गर्दन से पकड़ा.... वो बच्चा बुरी तरह घबरा गया था..... जोर जोर से चिला कर वो मदद की फरियाद कर रहा था...उसके बाकी नन्हे दोस्त भी हर संभव कोशिश कर रहे थे....लेकिन उस हैवान पर कोई असर नहीं हुआ.... उसने उस छोटे से प्यारे से बच्चे को पास ही पड़े एक पत्थर पर लेटा दिया और अपने हाथ में एक बड़ी सी धारदार कटार लेकर तैयार हो गया उस बच्चे को काटने के लिए..... बच्चे की आँख में आंशु भर आए .....मौत सामने खड़ी थी लेकिन वो बेबस था ........... उसकी माँ दूर खड़ी ये सब देख रही थी लेकिन वो भी मजबूर थी.... रो रही थी....चिल्ला रही थी..... उसकी आँखों में वो सारे सपने थे जो उसने अपने बच्चे के लिए देखे थे.... जो आज बच्चे की मौत के साथ साथ ख़त्म हो जायेंगे.... कभी इंसान से तो कभी भगवान् से हाथ जोड़कर अपने बच्चे की जान की भीख मांग रही थी लेकिन सारी दुनिया और खुदाई उसकी मदद नहीं कर पाए............. तभी एक जोरदार आवाज़ आई ........... बच्चे का सिर एक तरफ और धड एक तरफ जा गिरा....माँ ने अपनी आँखे बंद कर ली .... वो ये मंजर देख नहीं पाई...........वो हैवान उस बच्चे के टुकड़े टुकड़े करके खा गया.... उस माँ ने पिछले एक महीने में अपने सात बच्चे इसी तरह एक एक करके मरते हुए देखे.....वो बच्चे को खा रहा था और माँ रो रही थी.....इस देश का कानून भी उस हैवान को नहीं रोक पाया ..... |
मै उस बच्चे को नहीं बच्चा पाया..... वहा से आगे बढ गया.... अगर आप वहा होते तो क्या करते ?
क्या आप उस बच्चे को बच्चा लेते या आप भी मेरी तरह नपुसंक बने उस मंजर को देखते रहते .....
वो बच्चा इंसान का होता तो शायद आप उसे बचा लेते लेकिन वो बदकिश्मत इंसान का नहीं बल्कि मुर्गी का बच्चा था और वो हैवान है हम .............हम लोग अपने स्वाद की खातिर ऐसे कई मुर्गी और मुर्गी के बच्चो को काट कर खा जाते है...... |
काटने से पहले एक बार उस मुर्गी की आँखों में आँखे डालकर देखना और फिर उसे काटने की सोचना.... |
क्या आप पुनर्जन्म में विश्वास करते है....? कहते है मरने के बाद हम पुनः जन्म लेते है.... आज के कर्म के आधार पर ही हमारा अगला जन्म तय होता है....अच्छे कर्म तो ...... मानव जीवन .......बुरे कर्म तो....कुत्ता, बकरी, गाय, भेंस, गधा.... या ................... मुर्गा - मुर्गी............ हो सकता है आप जिस मुर्गे को काटकर खा रहे हो.......वो आपके दादाजी हो जिनका कुछ साल पहले देहांत हो गया था या आपका परम मित्र हो जो कुछ साल पहले एक कार एक्सिडेंट में मारा गया.... या आपका कोई और रिश्तेदार...... बेशर्मी की और हैवानियत की सारी हदे पार कर ली आपने..... अपने ही दादा को .... अपने ही दोस्त को ..... काट कर खा गए..... जुबान के स्वाद की खातिर..... अरे जुबान पर बस नहीं चलता तो दादा दादी या नाना नानी के मरने का इंतज़ार क्यों करते हो...... चाकू या कटार तो घर घर में मील जाती है....... इसी जन्म में काटकर खा लो.....शायद उनका स्वाद ज्यादा बेहतर हो........ स्वाद की खातिर जीव हत्या यु ही चलती रही तो वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब........... मै नहीं बोल सकता ..... आप खुद समझ जाइए ...........|
अरे पागलो जीव बदलते है आत्मा नहीं ..... आत्मा सभी में एक सी होती है.... कुत्ते बकरी या इंसान में अलग अलग तरह की आत्माए नहीं होती.....
एक पल आँखों से ओझल हो जाए तो माँ बैचेन हो जाती है खाना पीना छोड़ देती है.... तो हमेशा के लिए उस माँ से उसके बच्चे की जुदा कैसे कर सकते हो.... कोई आपको आपकी माँ से या आपकी माँ को आपसे जुदा करे तो...... जीव हत्या धरती का सबसे जघन्य पाप है ..... अगर थोड़ी सी भी इंसानियत बाकी है तो इसे रोक लो....इसे रोक लो.....इसे रोक लो.

5 टिप्‍पणियां:

  1. सत्य कहा आपने मैं स्वयं मांसाहार का सेवन करता हूँ लेकिन अब नही
    आपकी इस पोस्ट ने मेरा हृदय परिवर्तित कर दिया।
    आपको हृदय से धन्यवाद

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  2. इस धरती पर सब पापी भरे हुए ये कलयुग आ गया हैं सब लोगो का बिनाश होगा

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  3. Jo logo ko galat lagta hai to. Khade ho jaao sab. Or roko in sab ko. Kitna galat kaam kar rahe hai. Saram aani chahiye 😞😠

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