एक चिंटी भी कुछ सिखाती है....
हम अक्सर किसी काम को करते वक्त थक जाते है, हमें लगने लगता है की ये काम कठिन है , हमसे नहीं होगा....
और हम उसे बिच मै ही छोड़ देते है...
एक बार कुछ लिख रहा था... बहुत मुश्किल विषय था ... दिमाग काम नहीं कर रहा था .... लग रहा था मानो मुझसे नहीं होगा... सोचते समय मेरी नज़रे सामने की दीवार पे रहती .... अचानक मेने देखा एक चिंटी दीवार पर चड़ने की कोशिश कर रही थी... बार बार गिरने के बावजूद वो हिम्मत नहीं हार रही थी .... मै चिंटी को देखता रहा ... और वो चिंटी आखिर दीवार पर चढ़ ही गई..... वो सफल हो गई.... और मै असफलता का भाव लिए उसे देख रहा था... एक चिंटी भी हिम्मत नहीं हारती तो फिर हम तो इंसान है... बलिष्ठ शरीर, तेज दिमाग, उचित साधन और सुनिश्चित लक्ष्य..... सब कुछ है हमारे पास ...
"ये महत्वपूर्ण नहीं कि हम कितना तेज दोड़ते है... बल्कि ये महत्वपूर्ण है कि हम कितनी देर तक दोड़ते है..."
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
क़ाबिले-तारीफ़ है।
जवाब देंहटाएं