मेरा ह्रदय रो रहा देख के हाल समाज का ....

मेरा ह्रदय रो रहा देख के हाल समाज का,

जाने कब होगा खात्मा इस दहेज़ रिवाज का ......

लड़की वाला रो रहा लड़की कि शादी करने को

पर लड़का मुह फाड़ खड़ा है अपनी जेबे भरने को

ससुराल पे टिका हुआ नौजवान आज का

मेरा ह्रदय रो रहा देख के हाल समाज का ......

अधिकारों से मांग रहे है टीवी , विडियो स्कूटर

अपने घर को भर रहे औरो के घर को लूटकर

भिक्षा नहीं अधिकार बना है दहेज़ आज समाज का

मेरा ह्रदय रो रहा देख के हाल समाज का......

तेरी भी तो है एक लक्ष्मी जैसी लाडली

उस पर भी तो हावी होगा तुने जिस दहेज़ कि आड़ ली

तू ही जिम्मेदार होगा माँ दुर्गा के श्राप का

मेरा ह्रदय रो रहा देख के हाल समाज का......

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