हमने पढ़ा कि किस प्रकार मील के पहले पत्थर ने हम्हे सफलता के थोडा करीब पंहुचा दिया...
आज हम उसी सफ़र पर आगे बढ़ते है...ये क्या थोड़ी ही दूर चलते ही एक पत्थर का टुकड़ा नज़र आया.... ये भी मील का पत्थर है...क्या लिखा है इस पर ?
लक्ष्य निर्धारण.... अरे हाँ ....यही तो है हमारे सफ़र का अगला लक्ष्य....|
आज हम ये पढेंगे कि लक्ष्य निर्धारण की हमारी सफलता में क्या भूमिका है....
आपने एक हिंदी की कहावत तो सुनी होगी.... "हवा में लठ मारना....." यानि बिना सिर पाँव की बात बोलना....... और वैसे भी अगर आपके आस पास कोई इंसान बिना मतलब की बात बोल रहा हो तो आप उसे क्या कहोगे.....?
ये मै आप पर ही छोड़ता हु.... आपका पडोसी है सो आप जानो.......
अरे अरे घबराओ मत.... मै आपका साथ नहीं छोडूंगा....किताब शुरू करते वक्त मैंने आपसे वादा किया है....कि मै पुरे सफ़र में आपके साथ रहूँगा....सो प्राण जाए पर वचन ना जाए....
मैंने आप पर सब कुछ छोड़ दिया क्यों कि मुझे यकीन है कि आप स्वयं सक्षम है,.....
कोई भी बात शुरू करने से पहले हम अपने मन मस्तिस्क में उसका परिणाम सोचते है...... कि मेरी ये बात अगले को कैसी लगेगी.... ठीक उसी तरह कोई भी काम शुरू करने से पहले हमे अपने मन मस्तिस्क में भली भांति सोच लेना चाहिए कि हमारे इस काम का परिणाम क्या होगा........ हम अक्सर अपने किसी परिचित से मिलते है तो कहते है..... यहाँ से गुजर रहा था तो सोचा आपसे मील लू......अरे भाई .....इनसे तो मील लोगे परन्तु जिस काम के लिए निकले थे उसका क्या....?
एक दिन बस स्टैंड पर खड़ा अपनी जयपुर की बस का इंतज़ार कर रहा था.....तभी मेरी नज़र एक भाई साहब पर पड़ी.... पूछताछ खिड़की पर बहुत देर से खड़े खड़े रेलवे कर्मचारी का समय खराब कर रहे थे.... वो रेलवे कर्मचारी उन पर नाराज़ हो रहा था......मै वहा गया और वही किया जो एक आम आदमी करता है..... उनके लफड़े में अपनी टांग डाली ......क्या हुआ भाईसाहब.... मैंने उस सज्जन से पूछा लेकिन वो सज्जन कुछ बोल पाते इससे पहले ही उस रेलवे कर्मचारी ने अपना दुखड़ा बयान करना शुरू कर दिया...... देखो ना भाईसाहब ......आधे घंटे से मेरा दिम्माग खा रहे है.... "कोनसी बस है...... कब जाएगी...... कहा से जाएगी...... कब पहुचेगी....... कहा उतारेगी...... रास्ते में कहा कहा रुकेगी...... नई बस है या पुरानी बस..... दुनिया भार के सवाल पूछ रहे है........" मेरा दिमाग खराब कर दिया..... ...अब मैंने उन सज्जन की तरफ देखा तो वो भी शुरू हो गए..... कमाल है भाई...... मैंने गलत क्या पूछा .... सफ़र शुरू करने से पहले इन तमाम बातो की जानकारी बेहद जरूरी है...... जल्दबाजी में अक्सर हम कुछ भूल जाते है..... और फिर हमारा सफ़र परेशानियों से भरा हुआ गुजरता है..... ये भी जरूरी नहीं कि हम अपना सफ़र पूरा कर पाएंगे या नहीं..... वज़ह हम खुद है ..... क्यों की हमने सफ़र शुरू करने से पहले छानबीन नहीं की........मै उनकी बातो से पूरी तरह सहमत था.... हम ने किसी तरह उस बातचीत को पूर्ण विराम दिया और प्लेटफोर्म पर आ गए..... मुझे जान कर ख़ुशी हुई कि वो भाईसाहब भी जयपुर ही जा रहे थे.... चलो अच्छा है.... एक समजदार इंसान के साथ सफ़र आराम से और सुरक्षित कट जाएगा........ रास्ते में बात छिड़ी तो मालूम हुआ उनका बड़ा बेटा एम्. बी. ए. की प्रवेश परीक्षा दे रहा है... मैंने पूछा आगे क्या प्लान है..... बोले कैसा प्लान ?......मैंने कहा ....एम्.बी.ए. होने के बाद का प्लान..... वो मुस्कुराए....और बोले.....अरे भाईसाहब....इतनी आगे की कौन सोचता है..... अभी तो प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है....... अगर प्रवेश हो गया तो सोचेंगे....क्या करना है......... मै भोचक्का बना उनका चेहरा देख रहा था..... वो रावण की तरह मुह खोल कर हंस रहे थे....मै हैरान था ...... क्या ये वो ही इंसान है जो कुछ देर पहले पूछताछ खिड़की पर उस रेलवे कर्मचारी से दुनिया भर की पूछताछ कर रहा था.....और मुझे कह रहा था कि "सफ़र शुरू करने से पहले इन तमाम बातो की जानकारी बेहद जरूरी है...... जल्दबाजी में अक्सर हम कुछ भूल जाते है..... और फिर हमारा सफ़र परेशानियों से भरा हुआ गुजरता है....." हम सभी यही तो करते है.... जीवन की छोटी छोटी बातो का ख्याल रखते है लेकिन बड़ी बातो को भूल जाते है........जीवन में हर कदम पर लक्ष्य निर्धारण बेहद जरूरी है...... आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है..... कैसे करना है..... कब करना है..... और क्यों करना है.......|
लक्ष्य निर्धारण करते वक्त अपने लक्ष्य को दो चरणों में बाँट दो.... "अल्प अवधि और पूर्ण अवधि....."
अल्प अवधि ...यानि अगले कुछ दिनों...कुछ महीनो....या कुछ सालो में आप क्या करने वाले है......
पूर्ण अवधि आपका वास्तविक पूर्ण रूपेण लक्ष्य होता है....जो आप जीवन में बनना चाहते है या हासिल करना चाहते है..... जैसे कि आप डॉक्टर बनना चाहते है ...तो ये आपका पूर्ण अवधि लक्ष्य है..... लेकिन उससे पहले आपको अगले कुछ समय के भीतर मेडिकल प्रवेश परीक्षा उतीर्ण करनी होगी...ये आपका अल्प अवधि लक्ष्य है........
अपने अल्प अवधि लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करो .......लेकिन हर वक्त अपने पूर्ण अवधि लक्ष्य को ध्यान में रखो............... ये था हमारा दूसरा मील का पत्थर.................लक्ष्य निर्धारण |
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