कहते है कि मानव एक सामाजिक प्राणी है....समाज में रहना है तो अपने आस पास का ख्याल रखना भी जरूरी है...लेकिन इतना ख्याल रहे कि आपकी जिन्दगी आपकी अपनी है... औरो के इशारों पर नाचना उनका ख्याल रखना नहीं होता....जैसे एक पति जो पूरी तरह जोरू का गुलाम बन चूका हो... उसे कारण पूछने पर वो कहता है....
"मै अपनी बीवी का ख्याल रखता हु...परिवार में शांति बनाये रखने के लिए मै अपनी बीवी की हर बात मान लेता हु.... ये समझदारी है गुलामी नहीं...." ये ख्याल तो फिर भी सही है......लेकिन एक दूसरा ख्याल भी होता है..... आप हर वक्त अपने आस पास का ख्याल रखते है....कौन कहा जा रहा है....कौन कहा से आया है..... किसने किसे क्या कहा और कौन कितना खुश या दुखी है..... चलते फिरते न्यूज़ पेपर होते है ज्यादातर लोग..... अपनी फिक्र हो ना हो....दुनिया की फिक्र जरूर होती है.....
किसी ने आपसे कुछ कहा और आपने उसे अपने जीवन का सच मान कर अपना लिया.... फिर किसी और ने कुछ और कहा तो आपने उसे भी सच मान लिया....आपका अपना दिमाग तो जैसे घास चरने गया है ......
आप ने किसी कॉलेज मै दाखिला लिया तो दोस्त बोला ...नहीं यार, ये तो बहुत ही घटिया कॉलेज है.....वो कॉलेज अच्छा है.....और आपने कॉलेज बदल लिया......आपने कोई सुंदर कमीज़ पहनी तो भाई बोला....छी...कितना गन्दा कॉम्बीनेसन है.....और आपने कमीज़ पलट ली...... यही करते है हम सभी.....
एक छोटा सी कहानी सुनाता हु......एक गाँव में भोला नाम का एक आदमी रहता था .....एक दिन वो अपने किसी काम से शहर जा रहा था....साथ में उसका गधा भी था.....रास्ते में दो औरते आपस में बात कर रही थी .....कितना ज़ालिम इंसान है.....एक कमज़ोर गधे पर पूरा भार डाल दिया.....भोला को लगा ...शायद वो महिलाए सही कह रही है......वो गधे से निचे उतर गया और दोनों साथ साथ चलने लगे........कुछ दूर दो व्यक्ति आपस में बातें कर रहे थे......अजीब पागल आदमी है .....पास में सवारी है फिर भी पैदल चल रहा है.....अरे भाई आखिर सवारी होती किस लिए है....... भोला को लगा .....शायद वो महिलाए गलत थी और ये पुरुष सही है........भोला वापिस से गधे पर बैठ गया....काफी दूर चलने के बाद एक नाला आया.....तो भोला ने सोचा .....गधे के चार पैर होते है शायद नाला पार करने में ये सक्षम ना हो ........ये सोचकर भोला ने उसे उठा लिया और नाला पार करने लगा.....तभी उसे जोर जोर से हंसने की आवाज सुनाई दी.....पलट कर देखा तो कुछ लोग भोला और गधे की तरफ देख कर हंस रहे थे और बोल रहे थे अरे भाई जरा देख कर बताओ....इन दोनों में से गधा कोनसा है .......
भोला हैरान था.... आखिर सही कौन है..... वो महिलाए .....वो पुरुष ..... या फिर ये लोग जो हम पर हंस रहे है......ये हैरानी सिर्फ उस भोला की नहीं हम सभी की है.......आप चाहे कुछ भी कर ले.....दुनिया वाले तो आलोचना करेंगे ही....... आप किसी की बातो में मत आइये.....बस अपने काम से काम करते जाइये.....इसी लिए कहता हु.....
कुछ तो लोग कहेंगे......लोगो का काम है कहना.......|
that is our life.
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