दुनिया - भगवान् की सबसे बड़ी भूल



मै जानता हु कि मैंने ये समझने में काफी देर कर दी ....

आज इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो इस दुनिया से खुश हो.....

आप खुद भी आजमा के देख लीजिये.... जिस किसी से भी ये पूछोगे .... और, क्या हाल चाल है..? तो आपको एक ही तरह के जवाब सुनने को मिलेंगे..... बस, चल रही है... या क्या बताए यार, बहुत प्रॉब्लम है.... या लाइफ में मजा नहीं है यार, या बस, निकल रही है..... यानी कोई भी मजे में नहीं है.....

भगवान् ने जब ये दुनिया बनाई होगी तब इसके पीछे उनका क्या मकसद रहा होगा....हम सभी को आपस में लड़ाने मराने और दुखी करने का मकसद तो शायद नहीं रहा होगा...... 

जाहिर सी बात है ....कौन अपना नाम ख़राब करना चाहेगा..... 

तो फिर ऐसा क्या है इस दुनिया में, जो भगवान् इसे चलाए जा रहे है... चलाए जा रहे  है......मुझे तो लगता है कि ये बात अब उसके समझ में भी आ रही है और शायद इसी लिए उसने हम पर ध्यान देना कम कर दिया है.....

क्यों कि हम जब भी कोई काम बंद करने का मानस बना लेते है तो उस काम में हमारी रूचि कम हो जाती है.... हम सोचते है कि... अब तो इसे बंद करना ही है तो काम करने से क्या फायदा......

भगवान् को अपनी भूल का एहसास हो गया है और अब वो अपने बनाए सभी रोबोट्स यानि हम को dismental  करने को तैयार है..... अब हम रोबोट्स को ही ये साबित करना होगा कि हम उनकी भूल नहीं बल्कि एक प्यारी रचना है.....वरना साथियों, दिसम्बर 2012 ज्यादा दूर नहीं.....






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