अनशन ख़त्म हो गया....


अनशन ख़त्म हो गया..... दबाव पूर्वक या राज़ी ख़ुशी......?

रामदेव जी की कुछ दिनों की भूख हड़ताल का सरकार पर तो कोई असर हुआ नहीं लेकिन ..... ह्रदय गति का कम होना उनके प्रशंसको को कुछ हज़म नहीं हुआ.....बाबा जी पर थोड़ा दबाव डाला.....और योग गुरु ने अपना अनशन तोड़ दिया......जैसे तैयार ही बैठे थे......कि कोई आये और अनशन तोड़ दू...... नाम मुरारी बापू का.... रवि शंकर जी का .....अरे देश के लिए संघर्ष करते हुए अगर प्राण पखेरू उड़ भी जाते तो क्या.....इतिहास गवाह है...लाखो युवाओ ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किये है..... 

पांच - सात दिन की भूख भी सहन न करने वाला एक आम आदमी क्या हमें भ्रस्टाचार से मुक्ति दिला पायेगा ?


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