ये हुनर मुझमे नहीं....


चेहरे बदलने का हुनर मुझमें नहीं ,

दर्द दिल में हो तो हसँने का हुनर मुझमें नहीं,



मैं तो आईना हुँ तुझसे तुझ जैसी ही मैं बात करू,

टूट कर सँवरने का हुनर मुझमें

चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमें नहीं,

एक बार मिल के छोड जाने का हुनर मुझमें नहीं ,



मैं तो दरिया हुँ , बेहता ही रहता हु,

तुफान से डर जाने का हुनर मुझमें नहीं 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Visank is waiting for your valuable comments about this script so please write here something...