मेरे तमाम शीर्षक हैरत अंगेज ही होते है क्योंकि आम शीर्षक तो आप पसंद ही नहीं करते ..... समय आने पर साबित भी कर दूंगा..।
फिलहाल बात करते है.. मेरे आज के शीर्षक के सन्दर्भ में....
एक दिन अपने किसी मित्र के घर गया.... उसका ध्यान मेरी बातो में कम और मोबाइल में ज्यादा था.... मोबाइल के कुंजी पटल को बड़ी ही निर्दयीता से दबा रहा था.. अंदाजा लगाना मुश्किल था कि वो कुछ तलाश रहा था अथवा शक्ति प्रदर्शन कर रहा था.... मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैंने उससे पूछ डाला कि भाई ऐसा कौनसा जरूरी कार्य कर रहे हो कि मुझसे बात करने का भी वक्त नहीं.....।
वो बोला.... अरे यार, मोबाइल में मुफ्त सन्देश सेवा ली थी..... उसकी अवधि कल समाप्त हो रही है अतः बाकी बचे तमाम संदेशो को आज ही पूरा करना होगा.....।
हैरानी की बात है.... अपनों को सन्देश भेज रहे हो.... लेकिन रिश्ता मजबूत करने के लिए नहीं अपितु सन्देश पुरे करने के लिए......।
मेरे जहन में अचानक एक घटना दौड़ने लगी..... मुझे लगा जैसे वो घटना मेरे मित्र के इस वाक्य से जुडी है...... हमारे एक रिश्ते दार काफी बीमार थे... घर वाले बोल रहे थे कि इन्हें ये बिमारी अचानक ही लग गई.... अच्छे खासे थे.... कुछ ही महीनो में पूरा दम ख़म समाप्त हो गया.... न कोई बुरी आदत... ना कोई गलत शौक.... और न ही कोई लापरवाही......फिर ये अचानक इतनी बड़ी बिमारी कैसे....और कहा से......?
मित्रो.... हमारे जीवन के दर्द भी इन फ्री संदेशो की तरह ही है और इसे भेज रहा है वो ..... ऊपर वाला ..... ईश्वर....।
तमाम उम्र कोई दर्द नहीं या ज्यादा तकलीफ नहीं यानी संदेशो का सही उपयोग नहीं...... और जब उसे लगता है कि जीवन की अवधि समाप्त होने वाली है तो उसे एहसास होता कि .....अरे.... इसके खाते में तो अभी बहुत से सन्देश यानी दर्द बाकी है.... और फिर वही होता है जो मेरे मित्र कर रहे थे... एक साथ तमाम संदेशो का उपयोग...... कम अवधि में ढेर सारे दर्द ... इसी बात का संकेत है. कि दर्द का बैलेंस काफी है और समय बहुत कम.......।
अतः यदि आपके जीवन में लगातार दर्द ही दर्द आ रहा है तो समझना की दर्द के बैलेंस का सही सही उपयोग हो रहा है और जीवन के अंतिम क्षणों में ज्यादा दर्द सहन नहीं करना होगा.. और चैन से दुनिया को विदा कर पायेंगे...।
फिलहाल बात करते है.. मेरे आज के शीर्षक के सन्दर्भ में....
एक दिन अपने किसी मित्र के घर गया.... उसका ध्यान मेरी बातो में कम और मोबाइल में ज्यादा था.... मोबाइल के कुंजी पटल को बड़ी ही निर्दयीता से दबा रहा था.. अंदाजा लगाना मुश्किल था कि वो कुछ तलाश रहा था अथवा शक्ति प्रदर्शन कर रहा था.... मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैंने उससे पूछ डाला कि भाई ऐसा कौनसा जरूरी कार्य कर रहे हो कि मुझसे बात करने का भी वक्त नहीं.....।
वो बोला.... अरे यार, मोबाइल में मुफ्त सन्देश सेवा ली थी..... उसकी अवधि कल समाप्त हो रही है अतः बाकी बचे तमाम संदेशो को आज ही पूरा करना होगा.....।
हैरानी की बात है.... अपनों को सन्देश भेज रहे हो.... लेकिन रिश्ता मजबूत करने के लिए नहीं अपितु सन्देश पुरे करने के लिए......।
मेरे जहन में अचानक एक घटना दौड़ने लगी..... मुझे लगा जैसे वो घटना मेरे मित्र के इस वाक्य से जुडी है...... हमारे एक रिश्ते दार काफी बीमार थे... घर वाले बोल रहे थे कि इन्हें ये बिमारी अचानक ही लग गई.... अच्छे खासे थे.... कुछ ही महीनो में पूरा दम ख़म समाप्त हो गया.... न कोई बुरी आदत... ना कोई गलत शौक.... और न ही कोई लापरवाही......फिर ये अचानक इतनी बड़ी बिमारी कैसे....और कहा से......?
मित्रो.... हमारे जीवन के दर्द भी इन फ्री संदेशो की तरह ही है और इसे भेज रहा है वो ..... ऊपर वाला ..... ईश्वर....।
तमाम उम्र कोई दर्द नहीं या ज्यादा तकलीफ नहीं यानी संदेशो का सही उपयोग नहीं...... और जब उसे लगता है कि जीवन की अवधि समाप्त होने वाली है तो उसे एहसास होता कि .....अरे.... इसके खाते में तो अभी बहुत से सन्देश यानी दर्द बाकी है.... और फिर वही होता है जो मेरे मित्र कर रहे थे... एक साथ तमाम संदेशो का उपयोग...... कम अवधि में ढेर सारे दर्द ... इसी बात का संकेत है. कि दर्द का बैलेंस काफी है और समय बहुत कम.......।
अतः यदि आपके जीवन में लगातार दर्द ही दर्द आ रहा है तो समझना की दर्द के बैलेंस का सही सही उपयोग हो रहा है और जीवन के अंतिम क्षणों में ज्यादा दर्द सहन नहीं करना होगा.. और चैन से दुनिया को विदा कर पायेंगे...।
sir jee
जवाब देंहटाएंjb dard nahi tha sina ma tb khak maja tha jina ma.. or ab jb dard lga sina ma tb chka mja
jina ma.
write visank..i like ur link
जवाब देंहटाएंwrite visank..i like ur link..really its a good
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