दुनिया एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी....

दुनिया को अगर हम एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी माने और भगवान को उसका निदेशक तो गलत नहीं होगा ....

अक्सर कर्मचारी अपनी कंपनी की खामिया ढूंढते रहते है और उस पर चर्चा करते रहते है.... ये भी कहते सूना है कि बॉस कंपनी को सही ढंग से नहीं चला पा रहा है .... अरे जब कंपनी में....बॉस में.....कमिया है ....आपके अनुसार सही नहीं है तो आप यहाँ काम क्यों कर रहे है..कंपनी या जॉब छोड़ क्यों नहीं देते ?


सवाल पूछने पर जवाब आया कि ... हम तो यहाँ के कर्मचारी है ..हमें तो अपने वेतन से मतलब है.... फिर चाहे कंपनी भाड़ में जाए...हमें क्या... जब तक चल रही है....अपनी रोज़ी रोटी भी चलती रहेगी.....।


दुनिया के बारे में भी अक्सर लोगो को यही सब कहते सूना है.... भगवान ने ये दुनिया सही नहीं बनाई.... वो इसे ठीक ढंग से नहीं चला पा रहा..... दुनिया में सब कुछ गलत हो रहा है...... लेकिन फिर भी हम यानी इस दुनिया रूपी कंपनी के काम चोर कर्मचारी....कंपनी छोड़ते नहीं है.... जब तक दाल रोटी लिखी है.... चल रही है....।


दोस्तों, हर इंसान अगर अपना अपना काम इमानदारी से और लगन से करने लगे..... तो हर कंपनी ..... चाहे वो दुनिया ही क्यों ना हो.....सुचारू ढंग से चलने लगेंगी ........ और कंपनी प्रोफिट में रहेगी तो उसका शेयर हमें भी मिलेगा ।  

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