मेरे कदम ही मेरे शिक्षक है....

हम जीवन मै कदम कदम पर कुछ ना कुछ सीखते रहते है.... कुछ अच्छी बातें जिन्हें जीवन मै अपनाना चाहिए और कुछ कडवे अनुभव जिन्हें जीवन से दूर रखना चाहिए... हम सबसे ये कहते है ... कदम कदम पर खतरा है, हर कदम संभल कर रखना चाहिए..... ...कभी ये नहीं सोचा की जब कदम कदम पर खतरा है तो फिर हम हर कदम पर संभल कैसे जाते है?
मै बताता हु.... हमारे कदमो को सब पता होता है कि कोनसी आहट खतरे की है और वो हमें पहले ही आगाह कर देता है... हम जब उसकी बात नहीं सुनते है तो वो खुद की हमें सही रास्ते तक ले जाते है....
कभी गलत रास्ते ले जाकर हमें जीवन का कडवा अनुभव भी सिखाते है...
सही मायने मै हमारे कदम ही हम्हे सही रास्ता दिखाते है बसर्ते वो पुरे होशो हवाश में हो....
इसलिए मेरा तो ये मानना है कि हमारे कदम ही हमारे सही शिक्षक है...

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