माँ, तुझे सलाम .....
आज मदर्स डे है .... आज के दिन दुनिया भर में एक दुसरे को मदर्स डे की बधाईया दी जा रही है..... कोई मोबाइल से एस एम् एस कर रहा है तो कोई फ़ोन पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर रहा है.... लेकिन ये दिन बधाई देने का नहीं बल्कि वो हर लम्हा याद करने का है जब आपने अपनी माँ का दिल दुखाया हो...... हम सभी गुनाहगार है ....माँ के ......हम सभी ने कभी ना कभी उस माँ को तकलीफ पहुचाई है... जिस माँ ने हमारी ख़ुशी के लिए हर तकलीफ सहन की है....वो माँ लोगो के घरो में बर्तन मांजकर भी अपने तीन चार बच्चो को पाल लेती है लेकिन आज वो जब तीनो चारो बच्चे बड़े हो गए तो उनसे एक माँ नहीं पाली जा रही.... वो एक माँ उन पर भार बन गई...
नौ महीने अपनी कोख में पालकर तुम्हे धरती पर लाने वाली वो माँ... तुमसे अपनी कोख का किराया नहीं मांगती.....
पर अपने घर में कुछ दिन रखकर तुम उस पर एहसान जताते हो....शर्म आती है ऐसी औलाद पर ....
वो माँ कभी भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहती क्यों...?
बचपन में एक कहानी सुनी थी... एक लड़के को एक लड़की से प्यार हो जाता है.... लड़की सबूत मांगती है .... कहती है ..जाओ अपनी माँ का कलेजा निकाल कर लाओ....तब तुम्हारे प्यार को मानूंगी...
लड़का घर जाता है और अपनी माँ से कहता है... हे माँ ...आज तू मेरे प्यार के रास्ते में आ गई.....मुझे तो बस मेरा प्यार चाहिए...... रात को माँ के सोने के बाद लड़के ने एक खंजर लिया और चुपचाप माँ के कमरे में गया....
माँ दिन भर की थकी शांत भाव से लेटी हुई थी....उसे अपने बेटे के आंशु ही नज़र आ रहे थे... सोचा सुबह उठकर बात करुँगी... उस लड़की को घर बुलाकर समझाउंगी .....
तभी एक जोर का प्रहार होता है.... माँ के सिने में बेटे का खंजर होता है....
बेटे ने माँ के सिने से उसका कलेजा निकाल लिया और चला अपने प्यार के सबूत को हाथ में लिए....तभी एक ठोकर लगती है ....लड़का एक तरफ और माँ का कलेजा दूसरी तरफ गिर जाता है....तभी उस खून से सने माँ के कलेजे से आवाज़ आती है...."बेटा, तुम ठीक तो हो ना..."
ये है माँ...... बेटे का सुख ...उसका सुख और बेटे का दुःख उसका दुःख.........उसकी अपनी ख़ुशी या दर्द तो कोई मायने रखता ही नहीं...
माँ ऐसी क्यों होती है...?
आपके हाथ में चोट लगी हो तो क्या आप मुस्कुरा सकते है..... आपके पैरो में कांटा चुभा हो तो क्या आप नाच सकते है.... नौ महीने उस माँ के पेट में एक मांस के टुकड़े से ज्यादा कुछ नहीं थे हम...उस मांस के टुकड़े को ही उस माँ ने अपना बेटा या बेटी मान लिया....उस माँ के शरीर का हिस्सा है हम.... अपने शरीर के एक हिस्से में दर्द हो तो वो माँ खुश कैसे रह सकती है....
आज मदर्स डे के दिन अपनी माँ से अपने तमाम गुनाहों की माफ़ी मांग लो...... उसका दिल बहुत बड़ा है... वो तुम्हे जरुर माफ़ कर देगी....
माँ तुझे सलाम..........
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Visank is waiting for your valuable comments about this script so please write here something...