फैमिली बिजनेस....


कितना बड़ा शब्द है.... नाम से ही ऐश्वर्य झलकता है... आर्थिक रूप से सक्षम परिवार .... है ना ?

राम लाल स्टेशन के सामने....उसकी वाइफ जनता कालोनी के पिछवाड़े.... बड़ा बेटा शास्त्री नगर एरिया में.... और छोटा बेटा और छोटी बेटी.... बस स्टैंड के सामने..... आप क्या समझ रहे है.... बड़े से व्यापर की ब्रान्चेस गिना रहा हु..... नहीं........वो सभी भिखारी है.... खानदानी भिखारी |

सूरज की पहली किरण .... वो सभी अपने अपने एरिया की कमांड संभाल लेते है.... दिन भर एक दुसरे से दूर....एक दुसरे से अनजान.... चिलचिलाती धुप में ....घर घर घूमते है....एक सूखी हुई रोटी और थोड़ी सी ठंडी बासी सब्जी की आस में.... शाम को टिन टप्पर से  बने टूटे फूटे घर में.... गरीबो की हवेली में.....  मीटिंग .... टार्गेट....अचीवमेंट.... काम गरीबो का लेकिन मेरी भाषा अमीरों की ..... जो भी करो बड़ा करो.... |

ये ही है उनकी दिनचर्या....और रोजाना एक नया चैलेन्ज ....और ऐडवेंचर ..... क्या आपको ये चैलेन्ज ....और ऐडवेंचर चाहिए..... नहीं... कोई नहीं चाहेगा.... |

दोस्तों, जो जीवन हम नहीं चाहते....उस जीवन में दुसरो को जीते हुए....हम कैसे देख सकते है....?

भगवान् ने हमें...इस लायक बनाया है कि हम किसी का जीवन संवार सकते है तो .... हमें उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए और उसकी कसोटी पर खरा उतरना चाहिए....|

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